नवीनतम अपडेट
  • facebook
  • twitter
  • स्क्रीन रीडर एक्सेस
  • Skip to main Content
  • Handicap
    • Decrease
    • Normal
    • Increase
    • High Contrast
    • Default
  • Themes
    • Blue Theme
  • English

Logo

Ministry of Culture
  • मुखपृष्ठ
  • हमारे बारे में
    • इतिहास
    • नीतियाँ
    • संगठन चार्ट
    • सी एस एल मिशन
    • सी एस एल परिकल्पना
  • संग्रह
  • अनुभाग
  • डिजिटल संग्रह
    • भारत का राजपत्र
    • समिति और आयोग की रिपोर्ट
    • दुर्लभ पुस्तकें
  • सेवाएं
  • लाइब्रेरी नियम
  • त्वरित लिंक
  • हमसे संपर्क करें
    • भ्रमण की योजना बनाएं
    • लाइब्रेरियन से पूछें
  1. मुखपृष्ठ
  2. हमारे बारे में
  3. नीतियाँ
  • इतिहास
  • नीतियाँ
  • संगठन चार्ट
  • सी एस एल मिशन
  • सी एस एल परिकल्पना

नीतियाँ

सीएसएल में संग्रह विकास नीति

i संग्रह विकास का उद्देश्य भारत और उसके राज्यों के सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक विकास से संबंधित अध्ययनों में लगे अकादमिक समुदाय को सेवाएं प्रदान करना है। इसलिए, संग्रह विकास को उपरोक्त क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए। इस तरह के संग्रह विकास से अंततः विकासात्मक साहित्य संबंधी संसाधन केंद्र का विकास होगा।

ii CSL को दिल्ली और उससे सम्बंधित विभिन्न पाठ्य सामग्री के क्षेत्र में अपना संग्रह बनाकर एक संसाधन केंद्र के रूप में परिवर्तित किया जाना चाहिए।

iii सीएसएल को भारत और उसके राज्यों के दस्तावेजों का चयन करने के लिए अपनी संग्रह नीति पर ध्यान देते हुए क्षेत्र अध्ययन संग्रह को समृद्ध करना चाहिए। यह अन्य एशियाई देशों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा ।

iv सीएसएल के संदर्भ संग्रह को ठीक से बनाया जाना चाहिए ताकि पाठक को इन संग्रह के माध्यम से वर्तमान जानकारी उपलब्ध होने का अवसर मिल सके।

v सीएसएल में एक उपयोगी स्रोत के रूप में मौजूद जीवनी संग्रह को समृद्ध किया जाना चाहिए।

vi इसके अलावा, सीएसएल को विशेष रूप से काल्पनिक प्रकृति के भारतीय और यूरोपीय साहित्य को इकट्ठा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि तनावग्रस्त सरकारी कर्मचारी इस तरह के काल्पनिक पुस्तकों को पढ़कर अपने तनाव को दूर कर सकें।

vii सीएसएल को भारतीय संस्कृति और सभ्यता, कला और पुरातत्व, संगीत और नृत्य और अन्य सभी विषयों से संबंधित साहित्य एकत्र करना जारी रखना चाहिए जो संस्कृति विभाग के कार्यकलापों से सीधे जुड़े हुए हैं।

यह एक अस्थायी दिशानिर्देश है, जिसका सीएसएल में पठन सामग्री की खरीद के लिए अनुसरण किया जा रहा है

दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र से लिए गए विषय विशेषज्ञों, जिनमें पूर्व लाइब्रेरियन शामिल हैं, एक सुस्थापित पुस्तक चयन समिति है, जो विभिन्न विषय क्षेत्रों में पुस्तकों का व्यापक चयन करती है और दिशानिर्देशों का पालन करती है। जबकि पुस्तकों का प्रारंभिक चयन निदेशक, सीएसएल द्वारा किया जाता है और संदर्भ पुस्तकों, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान की पुस्तकों, सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित पुस्तकों, जीवनियों की एकमुश्त खरीद सीएसएल द्वारा ब्यूरो हेड की मंजूरी से की जाती है, अन्य विषयों पर पुस्तकें विषय विशेषज्ञों को उनके विचार के लिए प्रस्तुत कर दी जाती हैं।

 

केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार में "एक्सपोजर-ट्रेनिंग" के लिए प्रशिक्षण नीति

i). संक्षिप्त परिचय: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार सरकार की सबसे बड़े पुस्तकालयों में से एक है। इसके संसाधन में प्रति-स्वतंत्र भारत के पुस्तकालय और शाही सचिवालय पुस्तकालय के रूप में कई अन्य पुराने संस्थानों का समामेलन हैं। केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार भारत के सभी सरकारी विभागों की जरूरतों को पूरा करता है। गैर-आधिकारिक उपयोगकर्ता जैसे अनुसंधान विद्वान, शिक्षाविद, छात्र और अन्य भी इस पुस्तकालय के सदस्य बन सकते हैं। यह पुस्तकालय समय-समय पर उन शासकीय संगठनों से अनुरोध प्राप्त करता है जो पुस्तकालय विज्ञान में सर्टिफिकेट / डिप्लोमा इत्यादि कोर्स करवाते हैं और अपने छात्रों को एक पुस्तकालय में "एक्सपोजर ट्रेनिंग" प्रदान करना चाहते हैं।

ii). पात्रता मापदंड: सरकारी संस्थानों से लाइब्रेरी विज्ञान में डिप्लोमा / डिग्री करने वाले सभी छात्र जो केंद्रीय सचिवालय पुस्तकालय में "एक्सपोजर ट्रेनिंग" में भाग लेने के लिए इच्छुक है वे अपने संगठन / संस्था के प्रमुख के माध्यम से अपने प्रशिक्षण आवेदन को अग्रेषित कर सकते हैं। आवेदन के.स.ग्र. की प्रस्तावित प्रशिक्षण की तारीख से तीन सप्ताह पूर्व प्राप्त किया जाएगा।

iii). समय अवधि: सम्बंधित संगठन के अनुरोध के अनुसार दो से तीन सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

iv).  मानदेय: केन्द्रीय सचिवालय ग्रंथागार द्वारा कोई मानदेय प्रदान नहीं किया जाएगा।

v). चयन: प्रशिक्षणार्थी "पहले आओ-पहले पाओ" विषय पर चुना जाएगा यदि वह अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो।

vi). सलाहकार: के.स.ग्र. में एक सहायक पुस्तकालय व सूचना अधिकारी एक विद्यार्थी के प्रशिक्षण के लिए सलाहकार के रूप में नामोद्दिष्ट किया जाएगा। इसके लिए रोस्टर तैयार किया जाएगा।

vii). प्रमाणपत्र: प्रशिक्षण पूरा होने से तीन दिन पहले प्रशिक्षणार्थी को प्रशिक्षण के अनुभव के बारे में एक संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। प्रशिक्षणार्थी को प्रमाण-पात्र जारी करने से पहले रिपोर्ट को सलाहकार द्वारा विधिवत् जाँच किया जाएगा।

 

 

 

 

अंतिम बार अपडेट किया गया: 10-01-2023
  • India Gov
  • Data Gov
  • Make In India
  • National Digital Library of India
  • सूचना का अधिकार
  • सहायता
  • साइटमैप
  • संग्रहित
  • अस्वीकरण
  • नियम एवं शर्तें
  • प्रतिक्रिया
  • कॉपीराइट नीति
  • गोपनीयता नीति
  • हाइपरलिंकिंग नीति
यह वेबसाइट केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार (के.स.ग्र.) से संबंधित है। सीएसएल द्वारा साइट डिज़ाइन, विकसित, रखरखाव। पृष्ठ पर अंतिम अपडेट किया गया: 07-03-2023 कुल वेबसाइट आगंतुक: 145847